Health Care in Summer
वर्तमान में जिस प्रकार से लोगों का दिनचर्या में परिवर्तित हो रहा है, उससे यह निष्कर्ष निकलता है कि आधुनिक मानव बहुत ही परिरक्षित वातावरण में रह रहा है, जिसके कारण अधिकांश व्यक्तियों में वातावरण के विभिन्न कारणों के प्रति एलर्जी की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। अतः उन परिस्थितियों से सावधान रहना आवश्यक है, तभी स्वास्थ्य बरकरार बना रह सकता है। इस लेख में हमने गर्मियों में स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखने के कुछ महत्वपूर्ण तरीकों पर विचार प्रकट किया है।
गर्मियों में स्वास्थ्य को ऐसे ठीक रखें:-
गर्मियों में ब्यूटी (सुन्दरता) से संबंधित सबसे बड़ी समस्या सन टैन (Sun born), मुहासों (Acne) का उभरना, रनी मेकअप (मेकअप की अस्थिरता), स्किन का ऑयलीनेस (तैलीय त्वचा), हेयर डैंड्रफ (बालों में रुसी) और हीट रैशेज (छोटी घनी फुंसीयां) होती है और इन समस्याओं का सामना प्रायः सभी लोगों को करना ही पड़ता है।
1. सन टैन से बचाव
गर्मियों में सूर्य की रोशनी का प्रभाव बहुत गहराई तक पड़ता है। हालांकि जहां तक संभव हो तेज धूप में जाने से बचना चाहिए। आमतौर से सन टैनिंग की समस्या ओपन पूल में स्वीमिंग या फिर छुट्टियां मनाने के दौरान Beach (समुद्री किनारा) या हिल स्टेशन (पहाड़ी पार्क) पर जाने से होती है। जल और स्नो (snow) का रिफ्लेक्टिव सर्फेस (परावर्तक सतह) में अल्ट्रावायलेट (UV) रेडिएशन को बढ़ाता है।
2. ऑयली स्किन व पिंपल्स से बचाव
गर्मियों में एक और समस्या त्वचा पर ज्यादा ऑयल (तैलीय परत) और अधिक पसीने के कारण फुंसियों का निकलना है। इसका कारण तो यह है कि ऑयली स्किन dirt (धूल) और pollutants (प्रदूषकों) को ज्यादा अट्रैक्ट (आकर्षित) करती है जो rashes (चकत्ते), acne (मुहांसे) और pimples (चेहरे पर दाने) का कारण बनती है। गर्म और उमस भरे मौसम में जब त्वचा ऑयली और पसीने वाली हो जाती है, तो pollutant (प्रदूषक) वातावरण से त्वचा पर आकर चिपक जाते हैं, जो रैशिंग कंडीशन का कारण बनते हैं। गर्मियों के दौरान स्किन (त्वचा) और स्काॅल्प (खोपड़ी), दोनों की प्रवृत्ति ऑयली (तैलीय) बन जाती है। गर्मियों में पसीने और ऑयल सीक्रेशंस के कारण मेकअप ज्यादा तक देर तक नहीं टिकता।
अगर स्किन पर रैश (चकत्ते), पिंपल्स (चेहरे पर फुंसियां) या एक्ने (मुंहासें) हैं, तो चेहरे को किसी अच्छे मेडिकेटेड साबुन से धोएं या फिर दो बार सुबह और रात में क्लिजर का प्रयोग करें। चेहरे को स्वच्छ सादे पानी से दिनभर में कई बार धोएं। पिंपल्स और मुंहासों पर मेडिकेटेड एंटी-एक्ने लोशन लगाएं। ब्यूटी सलून में क्लीन अप आपको स्टबबर्न हेड्स दूर करने में सहायता करेगा और आपकी स्किन को हेल्दी भी बनाए रखेगा।
3. सन-बर्न से बचाव / सन्सक्रिन प्रयोगविधि
गर्मियों में स्किन (त्वचा) की रक्षा के लिए सन्सक्रिन लगाएं, हैट (टोपी) पहनें या फिर छाता लेकर चलें। जहां तक संभव हो; दोपहर से तीन बजे तक के तेज धूप में निकलने से बचें क्योंकि उस समय धूप सीधे सिर पर पड़ती है। धूप में निकलने से 20 मिनट पहले सन्सक्रीन अप्लाई करें। अगर आप 1 घंटे से ज्यादा धूप में रहने वाले/वाली हैं, तो दोबारा से सन्सक्रीन लगाएं। अगर आपकी स्किन ज्यादा सेंसटिव (संवेदनशील) और जल्दी ही बर्न होने वाली है, तो हाई एसपीएफ वाला सन्सक्रीन प्रयोग करें।
मेकअप के लिए फाउंडेशन के प्रयोग से बचना चाहिए और काॅम्पैक्ट पाउडर या ट्रांसलुसेंट पाउडर का प्रयोग करना चाहिए।अगर आप फाउंडेशन का प्रयोग करना चाहती हैं तो पहले एस्ट्रीजेंट लोशन का प्रयोग करें और फिर वाटरबेस्ड फाउंडेशन का प्रयोग करें। लाइटर कवरेज के लिए इसमें एक बूंद पानी डालें।
4. स्किन क्लिजिंग का तरीका
उचित प्रोडक्ट के साथ-साथ प्रतिदिन की क्लीजिंग (cleansing - सफाई) और स्किन केयर ही एकमात्र उपाय है, स्किन को फुंसी और ऑयली स्किन कंडीशन से बचाने का। अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो इसे हटाने के लिए cleansing के बाद एस्ट्रीजेंट टोनर का प्रयोग कर सकती हैं। फिर काटन वुल का प्रयोग करते हुए चेहरे को पोंछ दें। दिन भर में त्वचा पर एकत्र हुए पोल्यूटेंट (प्रदूषकों) को साफ करने के लिए नाइटटाइम की cleansing (सफाई) बहुत जरूरी है।
5. बालों (Hair) का डैन्ड्रफ से बचाव
बालों में पसीने का जमाव, डर्ट और पाॅल्युटेंट को साफ करने के लिए हफ्ते में दो या तीन दिन बालों को अवश्य धोना चाहिए। ऑयली हेयर (तैलीय बाल) वालों को क्रीमी कंडीशनर को अवाइड करना चाहिए और हेयर राइंस का प्रयोग करना चाहिए। डैन्ड्रफ और दूसरे कंडीशंस भी चेहरे पर स्किन, बैक और अपर आर्म्स जैसी समस्या का कारण बनते हैं। इस कंडीशन को नियंत्रित करने के लिए सेपेशलाइज्ड प्रोडक्ट का प्रयोग करना आवश्यक होता है।
Summer Health Care के लिए विशेष घरेलू उपाय:-
1. टैन को रिमूव करने के लिए फेशियल स्क्रब को हफ्ते में दो बार प्रयोग करें। चेहरे और बॉडी के एक्सपोज्ड एरिया में प्रतिदिन दही या बटरमिल्क लगाएं, फिर आधे घंटे बाद इसे धो दें। बेसन को दही में मिलाएं और इस पेस्ट में एक चुटकी हल्दी डालें, फिर चेहरे और बॉडी पर लगाएं और फिर आधे घंटे बाद स्वच्छ पानी से धो दें।
2. फुंसियों के लिए संदलवुड पेस्ट को थोड़े से रोज वाटर (गुलाबजल) के साथ मिलाएं और उसे पूरे चेहरे पर लगाएं। 20 मिनट बाद सादे पानी से धो लें।
3. एक मुट्ठी नीम की पत्तियां बहुत ही धीमी आंच पर 4 कप पानी के साथ 1 घंटे तक उबालें। फिर पूरी रात के लिए रख दें। अगली सुबह इसे छानकर पत्तियों का पेस्ट बना लें और इसे पिंपल्स, रैश और एक्ने पर लगाएं।
4. मुल्तानी मिट्टी को रोज-वाटर में मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो धो डालें। यह चेहरे की ऑयलीनेस को कम करके चेहरा साफ करता है और चमकाता है।
5. बालों की ऑयलीनेस को कम करने के लिए शैंपू के बाद एक मग पानी में नींबू का रस मिलाएं और बालों को अन्त में धोने के लिए प्रयोग करें। बालों को शैंपू से धोने के बाद टी-वाटर और लेमन (नींबू)से धोएं।
6. प्रयुक्त या प्रयोग की हुई चाय पत्ती दोबारा से ढेर सारे पानी में उबाल लें। उबालने के बाद आपके पास चार कप टी-वाटर बचा होना चाहिए। ठंडा होने पर इसे छान लें। फिर इसमें एक नींबू का रस मिला दें। फिर इसे शैंपू के बाद बालों को अन्रत में धोने के लिए प्रयोग करें।
7. जहां तक हो सके, गर्मी के मौसम में सादा, शाकाहारी और सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करें। मौसमी फलों का सेवन अधिक मात्रा में करें।
8. यदि आप शहरी व्यक्ति हैं और आपको शारीरिक परिश्रम का कार्य कम करना रहता हो, तो प्रतिदिन सुबह एक गिलास स्वच्छ पानी पीकर, खुले वातावरण में कम से कम 2 किलोमीटर अवश्य टहलें।
9. गर्मियों और बरसात के मौसम में प्रतिदिन एक कागजी नींबू का सेवन अवश्य करें। कागजी नींबू का अचार भी भोजन में प्रयोग करने से पाचन शक्ति ठीक रहती है। प्रतिदिन सुबह-सुबह मंजन करने के बाद एक गिलास स्वच्छ पानी में एक कागजी नींबू निचोड़ कर पीना चाहिए। पथरी के रोगी नींबू का सेवन न करें।
Conclusion
हमने इस लेख में गर्मियों में स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखने के कुछ महत्वपूर्ण तरीकों पर अपना मत प्रकट किया है। हमें विश्वास है कि यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध होगा।
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