बागेश्वर धाम छतरपुर जाने से सम्बन्धित जानकारी
श्री बागेश्वर धाम सरकार को और श्री बागेश्वर धाम में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं को प्रणाम करते हुए; हम बागेश्वर धाम के बारे में वह जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, जिसे आपको वहां पर जाने से पहले जानना चाहिए। हमें विश्वास है कि शायद यह जानकारी आपके काम आये, और इस पावन तीर्थ (बागेश्वर धाम) की यात्रा में आपको कोई कठिनाई ना हो।
यदि आप अकेले या अपने परिवार और बच्चों के साथ बागेश्वर धाम जाने का प्लान बना रहे हैं, तो यह जानकारी जरूर पढ़ें। चूंकि यह जानकारी मैं वहां पर कई बार जाने के बाद प्राप्त किया हूँ, और यहां पर बता रहा हूं। चूंकि मैं केवल बागेश्वर धाम सरकार का दर्शन-पूजन करने वाला एक साधारण सा उनका तुच्छ भक्त हूं।
बागेश्वर धाम कहाँ स्थित है:
बागेश्वर धाम भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले के गढ़ा गाँव में पहाड़ियों के बीच सुप्रसिद्ध मंदिर के रूप में स्थित है, जहां भक्त लोग बहुतायत में प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं।
बागेश्वर धाम लोग क्यों जाते हैं:
श्री बागेश्वर बालाजी का यह पवित्र धाम इतना चमत्कारिक है कि यहां पर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती देखी जाती हैं। इसलिए अधिकांश भक्तगण अपनी मनोकामना की पूर्णता हेतु श्री बागेश्वर बालाजी (श्री हनुमान जी) और श्री बागेश्वर धाम के वर्तमान पीठाधीश्वर “श्री धीरेन्द्र कृष्ण महाराज” जी का दर्शन करने के लिए जाते हैं। दर्शनार्थियों में से अधिकांश दैवीय पीड़ा (भूत प्रेतों) से पीड़ित रोगी होते हैं, जो वहां पर जाने व दर्शन-पूजन करने के बाद सदा के लिए ठीक हो जाते हैं। दर्शनार्थियों में से अधिकांश भक्तगण अपनी मनोकामना जैसे नौकरी, व्यवसाय, उन्नति, विकास, विवाह व सन्तान प्राप्ति, सुख-शान्ति व सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा पाने की कामना हेतु श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन करने के लिए जाते हैं और उनकी मनोकामनाएं बहुत ही जल्द पूर्ण भी होती हैं। यहां पर सभी प्रकार के लोग जैसे अमीर-गरीब, सुखी-दुखी व अन्य धर्मों के आस्थावान लोग भी दर्शन-पूजन करने आते हैं।
दूसरी प्रमुख बात; श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर “श्री धीरेन्द्र कृष्ण महाराज” जी को श्री बागेश्वर बालाजी से "दिव्य दृष्टि" प्राप्त है, जिसके द्वारा श्री बागेश्वर बालाजी धाम के पीठाधीश्वर, दर्शनार्थियों की इच्छाओं व समस्याओं को देखते हुए बिना बताए ही पर्चा बनाते हैं, जिसमें वे उन समस्याओं के निवारण का उपाय लिख देते हैं और बताते हैं। इसलिए भी भारी संख्या में लोग श्री बागेश्वर धाम पर पहुंचते हैं। हालांकि पर्चा बनवाने की क्या प्रक्रिया होती है, हम यह नीचे बताए हैं।
बागेश्वर धाम में किनका दर्शन-पूजन किया जाता है:
बागेश्वर धाम छतरपुर गाँव गढ़ा में पहाडियों के बीच स्वयंभू श्री हनुमान जी विराजमान है। वहां श्री बागेश्वर बालाजी या श्री हनुमान जी की पूजा होती है। श्री बागेश्वर बालाजी दक्षिण मुखी मंदिर में विराजमान हैं। उन्हीं के ठीक पश्चिम दिशा में एक वृक्ष है, जिसे श्री प्रेतराज का वृक्ष माना जाता है और भूत-प्रेत से आवेशित रोगी वहां पर जाकर उनसे, श्री हनुमान जी से व श्री सन्यासी बाबा से विनती करते हैं, जिससे कि वे भूत-प्रेत बाधा से छूट जाएं। श्री हनुमान जी की मंदिर के उत्तर दिशा में श्री सन्यासी बाबा व चमीटाधारी सन्यासी बाबा की समाधि है। उनका भी भक्तगण दर्शन करते हैं। हालांकि श्री सन्यासी बाबा की समाधि पर कुछ भी चढ़ावा चढ़ाना प्रतिबंधित है, केवल उनका दर्शन किया जाता है और उन से विनती की जाती है। श्री हनुमान जी के मंदिर के दक्षिण दिशा में भगवान शिव जी का मंदिर है और भक्तगण उनका भी दर्शन-पूजन करते हैं। श्री हनुमान जी के मंदिर प्रांगण के नीचे पूर्व दिशा में यज्ञशाला है, जिसमें 9 बड़े हवनकुण्ड बने हुए हैं, जिनका प्रतिदिन पूजन व आरती भी किया जाता है। भक्तगण इस यज्ञशाला की भी परिक्रमा करते हैं और यहां बैठकर जप, हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करते हैं।
बागेश्वर धाम में पेशी, अर्जी और पर्चा बनवाने में क्या अन्तर है:
- बागेश्वर धाम जाकर श्री हनुमान जी का दर्शन-पूजन व परिक्रमा आदि करना "पेशी" कहलाता है।
- बागेश्वर धाम जाकर श्री हनुमान जी का दर्शन-पूजन व परिक्रमा करके अपनी मनोकामना को मन में बोलते हुए मंदिर प्रांगण में लाल, काले या पीले कपड़े में नारियल बांध देना "अर्जी" लगाना कहलाता है।
- जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर 'श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज' जी वहां पर पहुंचे किसी दर्शनार्थी का उसकी मनोकामना को अपनी दिव्य दृष्टि से जानकर अपने हाथ से स्वयं पर्चा बना देते हैं तो उसे "पर्चा बनना" कहा जाता है। हालांकि केवल भाग्यशाली लोगों का ही पर्चा बन पाता है।
बागेश्वर धाम जाने से पहले आपको क्या करना चाहिये:
बागेश्वर धाम जाने से कुछ दिन पहले से ही आप लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का परित्याग कर दें और बागेश्वर धाम से आकर संभव हो तो सदा के लिए लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का परित्याग कर दें, और कुछ दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करें। ऐसा श्री बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर जी का कहना है।
बागेश्वर धाम पर आपको क्या लेकर जाना चाहिये:
- चूंकि श्री बागेश्वर धाम में दर्शन-पूजन श्री पीठाधीश्वर जी से मिलने के लिए कोई भी सुविधा शुल्क नहीं लिया जाता। श्री पीठाधीश्वर जी स्वयं अपनी इच्छा अनुसार कथा, प्रवचन करते हैं और भक्तों से मिलते हैं। अतः आप किसी भी प्रकार के सुविधा शुल्क के चक्कर में ना पड़े। केवल रास्ते के खर्च, वहां पर रहने, खाने-पीने व पूजन-सामग्री इत्यादि खरीदने व इच्छानुसार दान करने के लिए ही पैसा लेकर जाएं।
- बागेश्वर धाम पर रूकने, रहने व नहाने-धोने के लिए वस्त्र आदि लेकर जाएं।
- चमड़े के बेल्ट, पर्स और बैग या किसी भी प्रकार की चमड़े से बनी हुई वस्तुएं लेकर ना जाएं।
बागेश्वर धाम में कैसे कपड़े पहन कर जाना चाहिए:
- चाहे आप पुरुष, स्त्री, लड़का, लड़की, वृद्ध, युवा, युवती या कोई भी हो; एक सभ्य मनुष्य की तरह ही कपड़े पहन कर जाएं क्योंकि श्री बागेश्वर धाम एक पवित्र तीर्थ है, इसे गंदा ना करें।
- श्री बागेश्वर धाम में ऐसे कपड़े पहन कर ना जाए, जैसे मालूम हो कि कहीं आप सिनेमा हाल में सिनेमा देखने आए हैं या कहीं बियर-बार में।
- श्री बागेश्वर धाम सनातन धर्म से संबंधित तीर्थ स्थल है, इसलिए सनातन धर्म से संबंधित वस्त्र पहन कर ही वहां जाएं।
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि जब श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी अक्टूबर 2022 में इंग्लैंड गए थे, तो वहां उनके दिव्य दरबार में अनेकों क्रिश्चियन लोग सनातन धर्म से सम्बंधित पूर्ण वस्त्र पहनकर मिलने आये थे, लेकिन वहां के रहने वाले हिन्दू (सनातनी) लोग विशेषत: लड़कियां आधे-आधे कपड़े (जिंस-टिसर्ट आदि) कपड़े पहनकर दरबार आये थे, और यह ऐसा लग रहा था जैसे वे बियर-बार में शराब पीकर नाचने आये हैं। यह सब देखकर पूज्य श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी को कष्ट हुआ और उसी समय उन्होंने उन अर्धनग्न हिन्दुओं को ऐसे कपड़े पहनकर न आने को कहा। और साथ ही साथ यह भी कहा कि, देखो! जो सनानती नहीं हैं, उन्हें पता है कि हम सनातनी दरबार में जा रहे हैं तो हमें सनातन धर्म से सम्बंधित कपड़े पहनकर जाना चाहिये, लेकिन हिन्दुओं (सनातनियों) को पता नहीं है कि हमें सनातनी दरबार में कैसे कपड़े पहनकर जाना चाहिये।
अतः श्री बागेश्वर धाम में आने वाले या जहां भी श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी दरबार लगाएं, वहां जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर “श्री धीरेन्द्र कृष्ण महाराज” जी की इस संकेत या आदेश का पालन करना चाहिये।
बागेश्वर धाम पर रहने व खाने-पीने की क्या व्यवस्था है:
बागेश्वर धाम में खाने-पीने और रहने की उत्तम व्यवस्था है। श्री बागेश्वर धाम में दिन के 12:00 बजे से देर रात तक मां अन्नपूर्णा भंडारा चलता है, जिसमें नि:शुल्क स्वादिष्ट खिचड़ी, सब्जी, पूआ, दाल, चावल, रोटी आदि भोजन दर्शनार्थियों को बैठाकर कराया जाता है। नि:शुल्क रहने के लिए एक बड़ा सा हॉल भी है, जिसे पंखे भी लगे हुए हैं, यदि इस हॉल में जगह मिले तो आप चाहें तो इसमें ठहर सकते हैं। दर्शनार्थियों के नि:शुल्क ठहरने के लिए एक बहुत बड़ा धर्मशाला का निर्माण जारी है। यदि आप भक्तों की अधिक भीड़ या किसी अन्य कारणवश भंडारे में भोजन नहीं करना चाहते हैं, तो वहां पर बहुत से भोजनालय की दुकानें हैं, जो दर्शनार्थियों को 30 रुपये से लेकर 80 रुपये थाली तक भोजन प्रदान करती हैं। यदि आपको निशुल्क हॉल में, या धर्मशाला में ठहरने के लिए स्थान नहीं मिलता है, तो आपको वहां पर बहुत से ठहरने की दुकानें भी मिलेंगी, जहां एक व्यक्ति के 24 घंटे के लिए ₹100 लगते हैं। आप वहां पर अपने सामान को सुरक्षित करने के साथ ठहर सकते हैं। वही आपको नहाने की और टॉयलेट की सुविधा भी मिलेगी।
बागेश्वर धाम में नहाने (स्नान करने) की क्या व्यवस्था है:
हालांकि बागेश्वर धाम में नहाने के लिए ना ही कोई नदी है और ना ही कोई पोखरा और ना ही आपको वहां पर नहाने के लिए नल या हैंडपंप मिलेंगे। आपको मिलेंगे तो केवल आयताकार पानी के हौदे, जिसमें नल या ट्यूबवेल द्वारा पानी सदैव भरा जाता है और वहां पर कई मग रखे होते हैं। उसमें से पानी निकाल निकाल कर आपको बाहर बैठकर के नहाना होता है। उन पानी के हौदों की चौड़ाई लगभग 5 फीट और लंबाई लगभग 10 फीट होती है।
बागेश्वर धाम जाकर आपको क्या करना चाहिये:
- बागेश्वर धाम पहुंचकर आपको श्री बागेश्वर बालाजी, श्री सन्यासी बाबा व यज्ञशाला का दर्शन-पूजन व यथाशक्ति दान करने के साथ-साथ परिक्रमा, जप, हनुमान चालिसा व सुन्दरकाण्ड का पाठ भी करना चाहिये।
- श्री बागेश्वर बालाजी धाम में आपको अपनी मनोकामना के अनुसार मंदिर प्रांगण में नारियल भी बांधना चाहिए।
- यदि श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज जी धाम पर उपस्थित है तो प्रत्येक दिन वे दरबार भी लगाते हैं, जिसमें वे सभी की सामूहिक अर्जी लगाते हैं। यदि आपका पर्चा नहीं बनता है तो भी आपको सामूहिक अर्जी में शामिल होना चाहिए और जिस प्रकार से वे सामूहिक अर्जी की क्रिया करवाते हैं, वैसे-वैसे आपको करना चाहिए, जिससे कि यदि आप किसी बाधा से ग्रस्त हो, तो उससे छुटकारा पा सकें और आपकी मनोकामना पूर्ण हो सके।
श्री बागेश्वर बाला जी को क्या चढ़ाया जाता है:
श्री बागेश्वर बालाजी या श्री हनुमान जी को दूध व चीनी से बने हुए बर्फी, पेड़े, कलाकंद, फल, पुष्प, पुष्पमाला आदि चढ़ाए जाते हैं।
बागेश्वर धाम पर जप, हनुमान चालिसा व सुन्दरकाण्ड का पाठ कहाँ करना चाहिये:
श्री बागेश्वर धाम पर जप, हनुमान चालीसा का पाठ व सुंदरकांड का पाठ आदि करने के लिए वहां के व्यवस्थापक लोगों के द्वारा सलाह दी जाती है कि आप यज्ञशाला में जप, हनुमान चालीसा का पाठ व सुंदरकांड का पाठ करें। श्री बागेश्वर बालाजी के प्रमुख मंदिर प्रांगण की पूर्व दिशा में किनारे में थोड़ा सा जगह होता है जहां पर भक्तगण बैठकर जप, हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ आदि करते हैं। यदि यहां पर जगह ना मिले तो आप धाम पर किसी स्वच्छ स्थान पर कहीं भी बैठकर जप-पाठ कर सकते हैं।
श्री बागेश्वर बालाजी का किस दिन दर्शन करने का महत्व होता है:
चूंकि भक्तगण प्रत्येक दिन श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन करते हैं, लेकिन मंगलवार व शनिवार को भक्तों की बहुत अधिक संख्या दर्शन-पूजन व परिक्रमा करने के लिए उपस्थित हो जाती है, क्योंकि मंगलवार व शनिवार के दिन श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन व परिक्रमा करने का विशेष महत्व होता है।
मंगलवार व शनिवार के अतिरिक्त दर्शन-पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश प्रमुख द्वार से होता है, लेकिन मंगलवार व शनिवार के दिन भक्तों की अधिक संख्या उपस्थित होने के कारण भक्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए श्री बागेश्वर बालाजी मंदिर के पूर्व व दक्षिण दिशा बनाए गए बैरिकेडिंग व रेलिंग भक्तों को 8-10 फेरे करने पड़ते हैं तब श्री बागेश्वर बालाजी के मंदिर में प्रवेश पाते हैं।
भूत-प्रेत से पीडित लोगों को बागेश्वर धाम में क्या सुविधाएं प्राप्त हैं:
भूत-प्रेत से आवेशित रोगियों को विशेषत: श्री प्रेतराज सरकार के पास जाने की जरूरत होती है, क्योंकि जब तक उनका भूत उतर नहीं जाता तब तक वे श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन ठीक से नहीं कर पाते, इसलिए उन्हें सबसे पहले श्री प्रेतराज सरकार के पास जाना चाहिए। वहां भूत-प्रेत से आवेशित रोगियों के भूत-प्रेत कुछ ही देर में उतर जाते हैं, फिर वे लोग श्री प्रेतराज सरकार, श्री सन्यासी बाबा व श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन करते हैं, व श्री भोलेनाथ का दर्शन करते हैं।
श्री बागेश्वर बालाजी के प्रमुख प्रवेश द्वार के सामने राम दरबार है, जिसमें श्री बागेश्वर बाला जी धाम के पीठाधीश्वर जी दरबार लगाते हैं। वहां पर भी भूत-प्रेत से आवेशित रोगियों को भूत-प्रेत से मुक्ति के लिए श्री पीठाधीश्वर जी श्री बागेश्वर बालाजी से विनती व उपाय करते हैं।
बागेश्वर धाम में किस रंग का नारियल कहाॅं पर बांधना चाहिये:
- यदि आप भूत प्रेत से ग्रस्त हैं या पीड़ित हैं या किसी ऐसे रोग से पीड़ित हैं जिसमें आपको संदेह है कि यह रोग भूत-प्रेतों द्वारा ही बनाया गया है तो आप काले कपड़े में नारियल व 5 लौंग रखकर के बांध लें और फिर श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन करके नारियल लेकर 21 परिक्रमा करने के बाद मंदिर प्रांगण में नारियल को बांधना चाहिए।
- ऐसे ही यदि आप किसी मनोकामना के लिए जैसे नौकरी, व्यवसाय, उन्नति संतान प्राप्ति या किसी अन्य मनोकामना की इच्छा करते हैं तो आप लाल कपड़े में नारियल व 5 लौंग रखकर के बांध लें और फिर श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन करके नारियल लेकर 21 परिक्रमा करने के बाद मंदिर प्रांगण में नारियल को बांधना चाहिए।
- यदि आपके विवाह में बाधा है या विवाह की कामना लेकर आए हैं तो आप पीले कपड़े में नारियल व 5 लौंग रखकर के बांध लें और फिर श्री बागेश्वर बालाजी का दर्शन-पूजन करके नारियल लेकर 21 परिक्रमा करने के बाद मंदिर प्रांगण में नारियल को बांधना चाहिए।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी से नया पर्चा बनवाने की क्या प्रक्रिया है:
श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी यदि श्री बागेश्वर धाम से अन्यत्र कहीं श्री राम कथा या श्रीमद् भागवत कथा करने के लिए जाते हैं तो वहां पर दो-तीन दिन दिव्य दरबार लगाते हैं, जिसमें दूर-दराज क्षेत्रों से आए हुए नए श्रद्धालुओं का पर्चा बनाते हैं जिसमें किसी भी प्रकार का सुविधा शुल्क नहीं लिया जाता है और ना ही किसी भी प्रकार का नंबर लगाया जाता है। यह पूर्णतया श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी पर निर्भर है कि वे किसका पर्चा बनाएंगे।
बागेश्वर धाम पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी से नया पर्चा बनवाने की क्या प्रक्रिया है:
श्री बागेश्वर धाम पर वर्तमान में 23 नवंबर 2022 तक नए श्रद्धालुओं का पर्चा बनाने की कोई भी प्रक्रिया नहीं है। 23 नवंबर 2022 के बाद श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी द्वारा कोई एक तिथि निर्णय की जाएगी, जिस दिन नए श्रद्धालु किसी पर्चे पर अपना नाम व मोबाइल नंबर लिखकर जमा करेंगे और उसे वहीं पर एक पात्र में इकट्ठा किया जाएगा। फिर कन्याओं का पूजन करके कन्याओं से बारी-बारी से उस पात्र में से एक एक पर्चा निकलवाया जाएगा और उसी के अनुसार क्रम से सभी को एक तिथि लिखकर टोकन दिया जाएगा, जिस तिथि को उनसे श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी मिलेंगे और उनका पर्चा बनाएंगे।
श्री बागेश्वर धाम कार्यालय व पूछताछ केन्द्र का मोबाइल नम्बर:
9630313211, 9630313209
श्री बागेश्वर धाम के यहां के एक विश्वसनीय दुकानदार का मोबाइल नम्बर:
7415552573
इन नम्बरों पर कॉल करके आप अधिकांश जानकारियां पता कर सकते हैं। हालांकि बार-बार व लगातार कॉल करने पर ही कॉल लगती है, वरना नम्बर कई बार व्यस्त बोलते हैं। परन्तु मंगलवार व शनिवार के दिन इन नम्बरों पर कॉल न करें।
श्री बागेश्वर धाम से लौटने के पश्चात क्या करें:
यदि आप पावन तीर्थ श्री बागेश्वर धाम गए और वहां पर दर्शन-पूजन आदि संपन्न करके वापस लौटे हैं, तो आपको कुछ जरूरी कर्म करने होते हैं। जैसा कि वहां प्रसाद के रूप में सिद्ध अभिमन्त्रित सिन्दूर लगा हुआ नारियल, महाप्रसाद और भभूती मिलती है। उस नारियल को घर में बांधने का तरीका पूज्य श्री बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर जी ने बताया है कि उस नारियल को लेकर लाल कपड़े में 5 लौंग के साथ बांधें और उसका पूजन करके घर पर पांच आहुतियां श्री सन्यासी बाबा के नाम से देकर या हनुमान चालीसा से हवन करके घर के मुख्य दरवाजे के अंदर की तरफ उस नारियल को बांध दें अथवा पूजा स्थल पर रख दे। बागेश्वर धाम से लौटने के पश्चात लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा का सेवन करना छोड़ दें। बागेश्वर धाम से लौटने के पश्चात कुछ दिनों तक लगातार ब्रह्मचर्य का पालन करें और बागेश्वर धाम सरकार से विनती करते रहे कि हे प्रभु! हमारी अर्जी भी स्वीकार कीजिए, हमारी विनती सुनिए। समर्थ हो तो कन्या भोजन कराएं। यदि आप बागेश्वर धाम गए थे और वहां पर पूज्य गुरुदेव श्री बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर जी ने आपका पर्चा बनाया हो तो कुछ न कुछ आपको करने के लिए भी जरूर कहा होगा, वह करें।
निष्कर्ष:
श्री बागेश्वर धाम में आस्था रखने वाले प्रिय श्रद्धालुओं! मुझे विश्वास है कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा और आपकी शंका को समाधान किया होगा। हमने बागेश्वर धाम जाकर जो जानकारी प्राप्त की उसे इस लेख में लिपिबद्ध किया है। चूंकि समय-समय पर परिवर्तन हो सकते हैं। वह जानकारी जिसे आप खोज रहे हो और वह इस लेख में नहीं बताई गई हो या हम गलती से उसे बताने में भूल गए हैं तो नीचे कमेंट करके उससे बताएं ताकि हम उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करें और उसे यहां पर बता सके।
यह आपके लिए कितना लाभकारी सिद्ध रहा, यह नीचे कमेंट करके अवश्य बताएं और सनातन धर्म के साथ श्री बागेश्वर धाम मैं आस्था व्यक्त करने के लिए नीचे प्यारा सा कमेंट अवश्य करें।
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