सुदर्शन चक्र रक्षा कवच:
सुदर्शन चक्र रक्षा कवच:
अर्थ: सहस्त्रों सूर्य के समान तेज संपन्न सुदर्शन चक्र को नमस्कार है। तेजस्वी किरणों की मालाओं से प्रदीप्त हजारों अरो वाले नेत्र स्वरूप, सर्वदुष्ट विनाशक तथा सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाले आपको नमन है।
सुचक्र तथा विचक्र नामधारी, संपूर्ण मंत्र का भेदन करने वाले, जगत की सृष्टि करने वाले ,पालन-पोषण करने वाले, एवं जगत का संहार करने वाले हे सुदर्शन चक्र! आपको बारंबार प्रणाम है।
(संसार की रक्षा करने के लिए) देवताओं का कल्याण करने वाले, दुष्ट राक्षसों का विनाश करने वाले, दुष्टों का संहार करने के लिए उग्र-स्वरूप एवं प्रचंड स्वरूप और सज्जनों के लिए सौम्य स्वरूप धारण करने वाले आपको बारंबार नमस्कार है।
जगत के लिए नेत्र स्वरूप, संसार भय को काटने वाले, मायारुपी पिजड़े का भेदन करने वाले कल्याणकारी सुदर्शन चक्र को नमस्कार है।
भक्तों पर कृपा करने वाले, उनके अभिरक्षक, विष्णुस्वरूप शान्त स्वभाव समस्त आयुधों की शक्ति को अपने में धारण कर स्थित रहने वाले भगवान विष्णु के शस्त्र भूत हे सुदर्शन चक्र! आपको बारंबार नमस्कार है।
Conclusion:
Able People Encourage Us By Donating : सामर्थ्यवान व्यक्ति हमें दान देकर उत्साहित करें।
Thanks for reading: सुदर्शन चक्र रक्षा कवच स्तोत्र, Please, share this article. If this article helped you, then you must write your feedback in the comment box.