जानिए 10 महत्वपूर्ण भारतीय कानून
इस लेख में हम अपने देश भारत के संविधान में शामिल ऐसे 10 महत्वपूर्ण नियमों को पेश कर रहे हैं, जिन्हें अधिकांश लोग नहीं जानते और न जानने के कारण नुकसान उठाते हैं। तो आइए देखते हैं कि वे कौन-कौन से नियम हैं जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए:
1. कोई भी पुलिसकर्मी अगर आपके साथ मारपीट या गालीगलौज करता है, तो आप उसी के थाने में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते है। थाना अगर शिकायत दर्ज न करे, तो उच्चाधिकारियों या ऑनलाइन पुलिस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। आप “पुलिस शिकायत प्राधिकरण” में भी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महिलाओं के मामले में महिला आयोग में भी शिकायत कर सकते हैं। अगर इन सब जगह से भी आपकी समस्या का हल न हो तो अंतिम विकल्प के रूप में सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कोर्ट में जाया जा सकता है |
2. अगर भविष्य में कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी चप्पल, सैंडल, हाफ पैंट, आधी बाँह की शर्ट, टीशर्ट या लुंगी पहन कर बाइक चलाने का चालान काटे तो यह गलत है। नए मोटर व्हीकल ऐक्ट में इन बातों के लिए चालान का प्रावधान नहीं है।
3. डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य सेवाए देना केवल सामान बेचने जैसा नही है। डॉक्टर व मरीज के रिश्ते के तहत डॉक्टर मरीज की ओर से फैसले लेता है। अस्पताल 'मेडिकल क्लीनिक कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट' के अंदर आते है। लापरवाही या सेवाओ को लेकर आप डॉक्टर के खिलाफ भी शिकायत कर सकते है।
लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो जाए तो डाक्टर के खिलाफ IPC की धारा 304A के तहत केस दर्ज कर सकते है। दोषी पाए जाने पर डाक्टर को दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसके अलावा चिकित्सकीय लापरवाही के मामले मे IPC की धारा 337 और 338 के अंतर्गत भी मुकदमा किया जा सकता है।
लापरवाही अगर आपराधिक लगे तो पीड़ित द्वारा स्थानीय पुलिस थाने में भी शिकायत की जा सकती है। पीड़ित के पास आपराधिक (क्रिमिनल) और दीवानी (सिविल) केस दोनों का विकल्प होता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत पीड़ित संबंधित डाक्टर के विरुद्ध कंज्यूमर कोर्ट भी जा सकता है।
4. इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट 1974 के अनुसार, आंध्र प्रदेश में ट्रैफिक इंस्पेक्टर बनने के लिए आपके दांतों का मोतियों की तरह सफेद चमकना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं है तो आप ये जॉब नहीं कर सकते हैं।
5. हमारे देश (भारत) में संविधान और कानून से बड़ा कोई नहीं है। अगर कानून का रक्षक जैसे पुलिस / न्यायकर्मी या अन्य कोई भी कानून तोड़ता है तो उसे भी आम लोगों की तरह ही सजा का प्रावधान है।
6. अपने वाहनों जैसे कार / जीप आदि के आगे व पीछे बुलगार्ड या क्रैशगार्ड लगाना पैदल यात्रियों के लिए जानलेवा होने के साथ साथ प्रतिबंधित भी है। ऐसा करने पर 1000 से 5000 रु० तक का जुर्माने का प्रावधान होने के अलावा पुलिस को इसे मौके पर ही हटवा देने का अधिकार भी है।
7. अगर आपको किसी होटल पर कोई छोटू (14 बर्ष से कम आयु) काम करता मिल जाए तो यह जान ले कि वह होटल मालिक अपराधी है, क्योंकि बाल श्रम अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा व्यवसाय के उद्देश्य से 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कार्य कराने पर 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
8. पुलिस एक ऐसा विभाग है, जिसमें ड्यूटी की टाइमिंग फिक्स नहीं है। एक पुलिसकर्मी से 24 घंटे ड्यूटी की अपेक्षा की जाती है। कोई भी पुलिसकर्मी 15 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी अपने अधिकारी के आदेश की अवहेलना नही कर सकता। अगर वह ऐसा करता है तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा।
9. वाहन चेकिंग के दौरान परिवहन मंत्रालय द्वारा दिनांक 17/12/2018 को पारित आदेश के तहत Digilocker App या mParivahan App से डाउनलोड दस्तावेज भी ऑरिजनल के तरह ही मान्य है। कोई भी पुलिसकर्मी इसे स्वीकारनें से मना नहीं कर सकता। मोबाइल में सेव दस्तावेज या उनकी फोटो कॉपी अमान्य है।
10. ऐसा अक्सर देखा जाता है कि प्राइवेट स्कूलों मे बच्चों को लाने हेतु स्कूल द्वारा निजी वाहन का इस्तेमाल किया जाता है। यह पूर्णत: नियम विरुद्ध व भविष्य के लिए खतरा है। कृपया सरकार द्वारा पारित नियम के तहत ही स्कूल द्वारा संचालित बसों में ही बच्चों को भेजें।
उपसंहार:
“आपका अधिकार ही हैं, आपका सबसे बड़ा हथियार।” इसलिए सदैव अपने अधिकारों को लेकर जागरूक रहें। कोई भी आपके अधिकारों का हनन करे तो उसके खिलाफ अपने आवाज को बुलंद करें। ध्यान रहे कि जितना आप अपने अधिकारों के प्रति सजग रहेंगे, उतना ही आप सशक्त बनोगें।
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