!! संकटमोचन देवी अष्टकम् !!
भगवती दुर्गा जी का यह अष्टकम् स्तोत्र, जिसमें माता दुर्गा जी के 8 नाम सम्मिलित हैं, यह साधक के समस्त संकटों को दूर करने वाली है। इसे नित्य 3 संध्या में साधक को पाठ करना चाहिए, जैसा कि इस स्तोत्र में लिखा है। यह स्तोत्र इस प्रकार है:
श्री मार्कण्डेय उवाच:-
आनन्द कानने देवी, संकटा नाम विश्रुता।
वीरेश्वरोत्तरे भागे पूर्व चन्द्रेश्वरस्य च ॥
श्रृणुनामाष्टकं तस्य सर्वसिद्धिकरं नृणाम्।
संकटा प्रथम नाम, द्वितीयं विजया तथा ।।
तृतीयं कामदा प्रोवतं, चतुर्थ दुःख हारिणी।
सर्वाणी पंचमं नाम, षष्ठं कात्यायनी तथा ॥
सप्तमं भीमनयना च, सर्वरोगहराष्टकम् ॥
नामाष्टकमिदं पुण्यं, त्रिसन्ध्यं श्रद्धयान्वितः ।
य: पठेद् पाठयेद्वापि, नरो मुच्येत संकटात्।।
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि, नारायणि नमोस्तु ते ॥
!! इति देवी अष्टक स्तोत्र !!
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