हस्तरेखा विज्ञान एक बहुत ही प्राचीन विद्या है, जिसका ज्ञान प्राप्त हो जाने के बाद हस्तरेखा विशेषज्ञ की पदवी मिलती है। हस्तरेखा विज्ञान के ज्ञाता लोग, किसी भी व्यक्ति का केवल हाथ देखकर उसके वर्तमान, भूत, भविष्य, चरित्र, व्यवहार, आयु, बिजनेस, विवाह, लाभ हानि आदि के बारे में लगभग सही सही जानकारी बता देते हैं।
एक सिद्धांत के अनुसार, हस्तरेखा विज्ञान का प्रदुर्भाव सबसे पहले भारतदेश में ही हुआ और यहीं से यह संसार में चारों तरफ फैला। ईसा से पूर्व के प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में हस्तरेखा विज्ञान व हाथ परिक्षण के अनेकों तथ्य मौजूद हैं। यहां तक की जिप्सी, जो हस्तरेखा के लिए प्रसिद्ध माने जाते हैं, मूल रूप से भारत के ही थे और यहीं से वे संसार के दूसरे भागों में जाकर बसे।
हस्तरेखा विज्ञान बहुत दिलचस्प होने के साथ साथ प्रत्येक व्यक्ति के दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी है, क्योंकि यदि आपको हस्तरेखा विज्ञान के बारे में कुछ जानकारी है, तो आप जिन व्यक्तियों के सम्पर्क में आते हैं, उनके गुण-दोष, मानसिकता, प्रवृत्तियों के सम्बन्ध में बहुत कुछ जान सकते हैं या अनुमान लगा सकते हैं।
हस्तरेखा विशेषज्ञ लोग हाथ में क्या देखते हैं ?
हस्तरेखा विज्ञान के जानकार या हस्तरेखा विशेषज्ञ लोग किसी भी व्यक्ति के हाथ की संरचना, हाथ की बनावट, हाथ में विद्यमान रेखाएं व उनका आकार व स्थिति, हस्तरेखा पर विद्यमान अन्य आकृतियाँ व चिन्ह, ग्रह क्षेत्रों की स्थिति व उठान और अन्य चिन्हों की उपस्थिति व स्थिति देखकर उस व्यक्ति के वर्तमान, भूत, भविष्य, चरित्र, व्यवहार, आयु, बिजनेस, विवाह, परिवार, लाभ-हानि, जीवन-मरण आदि के बारे में लगभग सही सही जानकारी बताते हैं।
हाथ में कितने प्रकार की रेखाएँ होती हैं ?
हाथ में अनेक रेखाएं रेखाएँ होती हैं, जिनमें से कुछ मुख्य रेखाएं होती हैं और कुछ निरर्थक मानी जाती हैं। हाथ में पायी जाने वाली मुख्य रेखाओं के नाम इस प्रकार हैं:
जीवन रेखा, शीर्ष रेखा, हृदय रेखा, भाग्य रेखा, सूर्य रेखा, मंगल रेखा, शुक्र रेखा या शुक्र मेखला, यकृत रेखा, विवाह रेखा, संतान रेखा, ज्ञान रेखा, काम रेखा, अतीन्द्रिय-ज्ञान रेखा, समुद्रयात्रा रेखा, मणिबंध, शनि की अंगूठी, सोलोमन की अंगूठी व अन्य प्रभावी रेखाएँ।
संसार के कोई भी दो हाथ आपस में समान नहीं होते हैं और प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में अलग अलग बनावट की उपरोक्त रेखाएँ पायी जाती। किसी व्यक्ति के हाथ में सभी हस्त रेखाएं पायी जाए, यह आवश्यक नहीं है।
हाथ में कितने प्रकार के ग्रह-क्षेत्र होते हैं ?
किसी भी व्यक्ति के हाथ में सात प्रकार के ग्रह-क्षेत्र होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
2. शनि-क्षेत्र,
3. सूर्य-क्षेत्र,
4. बुध-क्षेत्र,
5. मंगल-क्षेत्र,
6. चन्द-क्षेत्र,
7. शुक्र-क्षेत्र।
निष्कर्ष
हमने इस लेख में हस्तरेखा विज्ञान की प्रारम्भिक जानकारी प्रदान की है जिससे कि आप हस्तरेखा विज्ञान को समझ सके। आगे के लेखों में हम प्रत्येक हस्तरेखा व ग्रह-क्षेत्रों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
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