How to control diabetes
मधुमेह (Diabetes) को हल्के में लेने की गलती कभी नहीं करना चाहिये। मधुमेह को अनदेखा करना सांस फूलना, लीवर, हार्ट अटैक, अन्य हृदय रोग, नेत्र रोग (मोतियाबिंद आदि), दमा, किडनी फेल्योर, ब्रेन स्ट्रोक (सन्यास) रोग जैसी कई घातक बीमारियों का कारण बन सकता है। इन दिनों स्टेम सेल के जरिए मधुमेह से बचाव के दावे किए जा रहे हैं, जबकि मधुमेह रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि इस स्टेम सेल या ऐसे दावों पर मरीज विश्वास न करें, अन्यथा उन्हें पछताना पड़ सकता है। जीवनशैली में सुधार व खानपान में उचित बदलाव करने से इस बीमारी से काफी हद तक बचाव व पूर्ण रूप से ठीक होना संभव है।
हालंकि मधुमेह रोग का कारण अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन हार्मोन का कम उत्पादन ही है, लेकिन इंसुलिन बनना कम क्यों हो जाता है, इसका कारण स्पष्ट नहीं हैं और इंसुलिन के कम होने के अनेक कारण भी हो सकते है।
अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि स्टेम सेल यह साबित हो कि स्टेम सेल किसी की Diabetes ठीक हुई हो। स्टेम सेल से Diabetes Type-1 के इलाज को लेकर अभी शोध हो रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही। आमतौर पर Diabetes Type-1 बच्चों में ही होता है। ज्यादातर अधिक उम्र के लोग में Diabetes Type-2 से पीड़ित रहते हैं।
स्टेम सेल से Diabetes का इलाज दुनिया के किसी भी देश में अभी तक उपलब्ध नहीं है। लगभग दो दशक से इस पर शोध जारी है। किसी के बहकावे में आकर स्टेम सेल से मधुमेह के इलाज के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कोई लाभ नहीं होने वाला है।
समस्या यह है कि लोग अक्सर Diabetes को गंभीरता से नहीं लेते या मधुमेह हो जाने पर अधिक चिंता के कारण अपना बचा-खुचा स्वास्थ्य भी खो देते हैं।
Diabetes रोग के शुरुआत में ही यदि बुद्धिमानी पूर्वक जीवनशैली में सुधार कर दिया जाए, जैसे व्यायाम, पौष्टिक भोजन व तनाव मुक्त जीवन से Diabetes को सदैव के लिए नियंत्रित रखा जा सकता हैं।
Control Diabetes With Lifestyle
मधुमेह के बेहतर इलाज के कई विकल्प हैं। Diabetes के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण है- स्वास्थ्यकर जीवनशैली। इसके अलावा हर वर्ष अनेक नयी दवाइयां उपलब्ध हो ही जाती है। बिते 10 वर्षों में Diabetes का इलाज बिल्कुल बदल गया है। उचित खान-पान ही Diabetes का सही व सटीक इलाज है, लेकिन प्रारम्भ में कुछ विशेष औषधियों की आवश्यकता अवश्य होगी।
चूंकि लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हो रही है, लोगों का खान-पान भी तेजी से बदल रहा है। अब तो फास्ट-फूड व सॉफ्ट-ड्रिंक्स का चलन और भी बढ़ गया है जो कि यह पौष्टिक नहीं है और यह पाचन शक्ति को कमजोर करता है। केवल विदेशी फास्ट-फुड ही नहीं, बल्कि गलत तरीके से उपयोग में लाए गये स्वदेशी भोजन भी उतने ही नुकसान देह हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फास्ट-फूड मैंदा व रिफाइंड ऑयल के इस्तेमाल से बनते हैं, जो मधुमेह (Diabetes) का कारण बनता है।
Diabetes में दवा कब जरूरी है?
हालंकि मधुमेह रोग का कारण अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन हार्मोन का कम उत्पादन ही है, लेकिन इंसुलिन बनना कम क्यों हो जाता है, इसका या Diabetes Type-1 का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। इसका जीवन शैली से भी कोई संबंध मालूम नहीं होता। Diabetes Type-1 अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और अधिक मोटापे के कारण होता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका लक्षण प्रारम्भ में पता नहीं चलता, और पता तब चलता है जब रोगी में दमा आदि के लक्षण उत्पन्न होते हैं।
HBA1C Test 6.5-7 तक हो या Blood sugar random 170% तक हो तो ज्यादातर मरीजों की जीवनशैली में सुधार करने की सलाह दी जाती है। हालांकि यह रोगियों पर निर्भर करता है। यदि मरीज अपनी जीवनशैली के प्रति लापरवाह हो तो HBA1C 6.6 हो तो दवा लेने से मना नहीं करते। वैसे HBA1C Test 7 से ऊपर हो तो दवा देना आवश्यक हो जाता है।
मधुमेह से पीड़ित मरीजों पर कुछ समय बाद ओरल दवाएं ज्यादा असर नहीं करती। ऐसी स्थिति में इंसुलिन देनी पड़ती है। खास तौर पर यदि HBA1C Test 10 के ऊपर हो तो इंसुलिन देना जरूरी होता है। इसके अलावा गर्भवती महिला को भी जरूरत पड़ने पर इंसुलिन देनी पड़ती है। यह गलत धारणा है कि एक बार इंसुलिन शुरू होने के बाद कभी बंद नहीं हो पाता है। हर मामले में ऐसा नहीं होता, और यदि रोगी अपनी जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन करे तो इंसुलिन लेना छूट जाता है।
भोजन में चीनी की मात्रा कम करें
शर्करा से तुरंत ऊर्जा प्राप्त होती है, इसलिए यह शरीर के लिए आवश्यक है। परंतु शक्कर (चीनी) का अधिक सेवन हितकर नहीं है। गुड़, शहद की चीनी व खट्टे-मिठे फल इसके बेहतर विकल्प हैं। शक्कर के कुछ अन्य दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं-
शक्कर के अधिक सेवन से त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस कारण त्वचा पर झुर्रियां जल्दी पड़ने लगती हैं। मोटापे की सम्भावना भी अधिक बढ़ जाती है। चीनी में विटामिन, प्रोटीन, खनिज आदि पोषक तत्व नहीं होते। शक्कर के अधिक सेवन से पाचन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। बच्चों में मोटापा, एकाग्रता में कमी आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अन्य कई रोगों के होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
How to reduce blood sugar level immediately
7. किसी एलोपैथिक, होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक डाक्टर से परामर्श लेकर दवा उनके द्वारा दी गयी दवा का सेवन करें।
Thanks for reading: Learn to reduce diabetes or blood sugar level immediately in hindi, Please, share this article. If this article helped you, then you must write your feedback in the comment box.